भीम प्रज्ञा न्यूज़.झुंझुनूं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 7 फरवरी 2020 को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति वर्गों के पदोन्नति में आरक्षण को यह कहकर समाप्त किया गया "कि यह आरक्षित वर्गों का मौलिक अधिकार नही है तथा इसको लागू करना सरकारो की मंशा पर निर्भर करता है" इसके विरोध में आज भारतबंद के दौरान डॉ भीमराव अम्बेडकर मानव कल्याण संस्थान के नेतृत्व में उपखंड अधिकारी नीमकाथाना को माननीय राष्ट्रपति महोदय व प्रधानमन्त्री महोदय के नाम ज्ञापन देकर ये मांग की गई कि केंद्र सरकार जल्द राज्यसभा व लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर इसे संविधान की 9वीं अनुसूची में डाले जाने की कार्यवाही की जाये। ज्ञापन के दौरान संस्थान के अध्यक्ष शंकरलाल बलाई, शिवपाल भाटी, डॉ रणजीत मेहरानिया, राजेन्द्र मेहरानिया, प्राचार्य महेश कल्याण, सुरेश गोठवाल, डॉ प्रदीप बेसरवाडिया, प्रो. देवी प्रसाद वर्मा, किशनलाल गांवड़ी, कैलाश चंद वर्मा, महेश कुमार वर्मा, सुभाष सिंघल, एडवोकेट अनिल वर्मा, प्रहलाद मेहरानिया, आजाद सिंह, भूपेंद्र नारनोलिया, चिरंजीलाल किरोड़ी, हंसराज किलानिया, जवाहरमल सोलेरा, रामनिवास सुरेला, व्याख्याता राजेश कुमार व राकेश कुमार मीणा आदि उपस्थित रहे।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गो के पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिया ज्ञापन