झुंझुनू में हुए होम्योपैथी के कार्यो के कारण पूरे राजस्थान में होम्योपैथी हैल्थ मॉडल हुआ लागु
राजस्थान में करीब 2 लाख लोग ले रहे हैं, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का प्रशिक्षण - प्रदीप कुमार बोरड़
भीम प्रज्ञा न्यूज.झुंझुनूं। राज्य सरकार की जनकल्याणकारी पहल में होम्योपैथी को सार्वजनिकरण करने के लिए वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों की जानकारी एवं आमजन को होम्योपैथी की उपयोगिता एवं प्रोत्साहन देने के लिए आशा सहयोगिनी, एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यक्रताओं की शनिवार को सूचना केन्द्र सभागार में कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में झुंझुनू के पूर्व जिला कलक्टर एवं कॉलेज हायर ऐजुकेशन कमिश्नर प्रदीप कुमार बोरड़ ने कहा हैं कि राज्य सरकार का संकल्प हैं कि राजस्थान को निरोगी बनया जाएं जिसके लिए राज्य में होम्योपैथी को यूनवरसलाईजेशन करने का बिड़ा राज्य सरकार ने उठाया है। बोरड़ ने वर्कशॉप में उपस्थित आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ता को कहा कि झुंझुनू ब्लॉक को कवर करते हुए होम्योपैथी भी अपना एक रोल प्ले करें, झुंझुनू जिले से होम्योपैथी पर शुरू हुए कार्यो के कारण आज राजस्थान में करीब 2 लाख लोग प्रशिक्षण ले रह हैं, झुंझुनू जिला हर क्षेत्रा में आगे हैं, होम्योपैथी पर हुए झुंझुनू में हुए कार्यो के कारण हैल्थ मॉडल लागु हुआ, होम्योपैथी एक आसान, असरदार पद्धति हैं, जिसकी करीब 950 गांवों के 25 लाख लोगों ने होम्योपैथी को समझा और आने वाले समय में प्रदेश की करीब 4 करोड़ जनता को इसकी जानकारी मिलेगी।
बोरड़ ने उपस्थित सभी वर्करों से नॉलेज का आदान-प्रदान करते हुए बताया कि होम्योपैथी पद्धति सस्ती, असरदार और बिमारी किस शरीर के अंग को हैं, और किस कारण से यह बीमारी पैदा हुई, उसको सही से समझकर उसे ठीक करने का काम करती हैं, होम्यापैथी अगल तरह से कार्य करती है, जो कि एक व्यक्ति के शरीर पर काम करती है। उन्होंने बताया कि ऐलोपैथीक का सीस्टम मानता है कि बैक्टीरियां वायरस के आने से व्यक्ति बीमार होता हैं, जबकि होम्योपैथी मानती हैं कि बैक्टीरियां वायरस से बीमारी नहीं आती है, बीमारी आती हैं, भय चिंता के कारण। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कि चिंता चिंता, भय हुआ उसकी जानकारी लेकर डॉक्टर होम्योपैथी की दवाई देते है, जिसका निरंतर उपयोग करने से शत प्रतिशत आराम मिलता है। उन्होंने बताया कि ऐलोपैथी में हर बीमारी का अलग-अलग स्पेशलीस्ट होता हैं, जबकि होम्योपैथी पूरे आदमी को ठीक करने का कार्य करती है। जर्मनी के हैनीमैन ने होम्योपैथी की खोज की थी, उसने सबसे पहले अपनी लड़की को कुनैन पेड़ की छाल से ठीक किया था। जैसा सीमटम होगा वैसा ही ईलाज होगा, जादू की तरह काम करती हैं होम्योपैथी। उन्होंने बताया कि देश में उल्टी-दस्त के कारण मरने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा हैं, जिसके लिए होम्योपैथी की दवाई बहुत अच्छा काम करती है। आमजन को किस तरह इसका लाभ मिले मुख्य उदेश्य यह है, इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, आयुष विभाग, महिला एवं अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग समन्वय स्थापित कर इस पर कार्य करें।
आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ता को होम्योपैथी संबंधी किताब एवं होम्योपैथी कि बैसिक 15 तरह की मेडिसीन का किट देकर प्राथमिक उपचार के बारे बताया गया किस तरह होम्योपैथी का इस्तेमाल किया जाता है। कमिश्नर बोरड़ ने बताया कि गत वर्ष 2017 में इस पद्धति के उपयोग के बारे में कार्य किया जा चुका हैं, जो कि सफल हुआ, जिसका मुख्य उदेश्य हैं कि आमजन को होम्योपैथी के बारे में जानकारी मिले, राजस्थान सरकार ने 16 अक्टूबर को आदेश जारी कर आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ता को अधिकृत कर 24 तरह की होम्योपेथी दी हैं जिसके मेडीसीन का उपयोग कर सकती हैं, डॉक्टरों की टीम द्वारा इसके उपयोग के बारे में बताया गया, होम्योपैथी सस्ती और जादू की तरह कार्य करती हैं, कार्यशाला में आई सभी आंगनबाड़ी कार्यक्रर्ता, एएनएम, आशा सहयोगनियों को होम्योपैथी किट दिया गया।
इस दौरान जिला कलक्टर यू.डी. खान ने कहा राज्य सरकार ने राजस्थान को निरोगी बनाने की कड़ी में होम्योपैथी को एक साइलेंट क्रांति के रूप में लेकर आई है, उन्होंने बताया कि होम्यापैथी सकारात्मक कार्य करती हैं, जिसके कारण से त्वरित गति से समस्या दूर हो जाती है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी पद्धति फैक्टिव हैं, सही इस्तेमाल करने से बीमारी को दूर हो जाती है। उन्होंने उपस्थित एएए को बताया कि आमजन को इसकी अधिक से अधिक जानकारी देवें।
होम्योपैथी डॉक्टरों की ली बैठकरू इस दौरान कॉलेज हायर ऐजुकेशन कमिश्नर प्रदीप बोरड़ ने जिले में कार्यरत सभी होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से अपने कैचमेंट ऐरिया को बढ़ाते हुए लोगों को होम्योपैथी की बैसिक जानकारी अधिक से अधिक देवें। उन्होंने कहा कि उपचार देते समय आंकड़ों का संग्रहण करें, कितने ठीक हुए, जो इस पद्धति के माध्यम से ठीक नहीं हो रहे हैं, उनके बारे जानकारी देवें, सबसे बड़ा कार्य ये हो कि हर व्यक्ति होम्योपैथी को समझे, उसे जाने। उन्होंने सभी से कहा कि अगर कुछ करने की सोचो तो हर कार्य होगा। स्कूलों में जाकर बच्चों को होम्योपैथी पद्धति के बारे में बताएं। सभी डॉक्टर अपने अनुभव शेयर करें। इस दौरान उपस्थित डॉक्टरों ने अपने सुझाव रखे। इस दौरान जिले के करीब 32 होम्योपैथी डॉक्टर उपस्थित थे। इस दौरान महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला, पीआरओ बाबूलाल रैगर, सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, रमसा जयपुर के निदेशक मनीराम मंडीवाल सहित चिकित्सा अधिकारी उपस्थित थे।