भीम प्रज्ञा न्यूज. जयपुर। राज्य में पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन से बालिका लिंगानुपात में गत 7 वर्ष से लगातार सुधार हो रहा था लेकिन वर्ष 2019 में एक अंक की गिरावट दर्ज की गई है। कलेण्डर वर्ष के अनुसार वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 948 था जो वर्ष 2019 में एक अंक घटकर 947 हो गया। वर्ष 2018 में 13 लाख 55 हजार 486 बच्चे पैदा हुए थे जिनमें 6 लाख 95 हजार 944 लडके व 6 लाख 59 हजार 542 लड़किया पैदा हुई थी अर्थात 36 हजार 402 बेटियां लडको से कम पैदा हुई थी इसी तरह वर्ष 2019 में कुल 13 लाख 70 हजार 693 बच्चे पैदा हुए जिनमें 7 लाख 4 हजार 15 लडके व 6 लाख 66 हजार 678 बेटियां पैदा हुई अर्थात 37 हजार 337 बेटियां कम पैदा हुई। वर्ष 2018 में प्रतिदिन 100 बेटियां कम पैदा हुई थी वही वर्ष 2019 में प्रतिदिन 102 बेटियां कम पैदा हुई है।
बालिका लिंगानुपात में सबसे अधिक गिरावट टोंक जिले में
सामाजिक कार्यकर्ता राजन चैधरी द्वारा प्रदेश के आंकड़ो का विश£ेषण किया गया तो सामने आया कि वर्ष 2018 की बजाय वर्ष 2019 में टोंक जिले में सबसे अधिक 65 अंको की गिरावट आई है अर्थात टोंक जिले में बेटियां की संख्या में गत वर्ष की तुलना में भारी कमी आई है। वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 956 था जबकि वर्ष 2019 में बालिका लिंगानुपात 891 है। वर्ष 2018 में टोंक जिले में 13252 लडके व 12675 लड़किया पैदा हुई थी,जबकि वर्ष 2019 में 13232 लडको की तुलना में 11793 लड़कियां पैदा हुई है। राज्य में सबसे अधिक गिरावट टोंक जिले में ही दर्ज की गई है। इससे पूर्व वर्ष 2014 में 963, वर्ष 2015 में 915, वर्ष 2016 में 992, वर्ष 2017 में 935 बालिका लिंगानुपात का लगातार ट्रेंड रहा है।
टोंक के बाद दूसरे नंबर पर चूरू जिले में दर्ज की गई है बालिका लिंगानुपात में गिरावट
वहीं टोंक जिले का वर्ष 2016 का बालिका लिंगानुपात 992 था जिसके अनुसार वर्ष 2019 की गिरावट 101 अंक तक हुई है। ज्ञात रहे टोंक से वर्तमान में राज्य के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट विधायक हैं। उनके जिले के बालिका लिंगानुपात में सबसे अधिक गिरावट आई है। टोंक जिले में लिंग जांच व चयन करने के आरोप में कई आरोपी पकड़े भी गए लेकिन लगता है कि पुनरू लिंग जांच का कार्य जारी रहने के कारण शायद अत्यधिक गिरावट टोंक जिले में देखी गई है।
टोंक के बाद चूरू जिले में गत वर्ष की तुलना में 30 अंकों की गिरावट आई है। वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 992 था जो वर्ष 2019 में घटकर 962 रह गया है। चूरू जिले का घटते लिंगानुपात में दुसरा स्थान रहा है। इसी तरह करौली जिले में 16 अंकों की कमी आई है जो तीसरे स्थान पर गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा जिन जिलों में बालिका लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है उनमें हनुमानगढ़ में 12 अंक, दौसा में 14 अंक, बारां में 11 अंक, धौलपुर में 10 अंक, सिरोही में 14 अंक व सीकर में 10 अंक सहित 18 जिलों में कमी आई है। वही श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2018 व 2019 में 937 अंक ही रहा है। सबसे अधिक वृद्धि करने वाले जिलों में जैसलमेर व सवाईमाधोपुर जिले है जहां दोनों ही जिलों में 23 अंको की वृद्धि हुई है। जैसलमेर में वर्ष 2018 में 936 अंक थे जो बढकर 959 हो गए है वही सवाई माधोपुर में 23 अंक बढ़े है जहां 905 से बढकर 928 अंक हुए है। दूसरे स्थान पर बीकानेर में 21 अंको की वृद्धि हुई है वर्ष 2018 में 953 था जो वर्ष 2019 में बढकर 974 हो गया है। इसी तरह तीसरे स्थान पर प्रतापगढ़ में 19 अंको की वृद्धि हुई है।