डॉ. योगेश यादव के साथ भीम प्रज्ञा की खास वार्ता
क्षेत्र में बढ़े खांसी जुकाम एवं निमोनिया के मरीज
भीम प्रज्ञा विशेष रिपोर्ट@ जयपुर।
वातावरण में परिवर्तन के कारण खांसी जुकाम निमोनिया के मरीजों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।
तापमान परिवर्तन से वातावरण में कई तरह के वायरस सक्रिय जाते हैं जिससे बच्चों में, बड़ों में खांसी जुखाम होने की शिकायत बढ़ गई है ।हर जुखाम खांसी नहीं है स्वाइन फ्लू या कोरोनावायरस ।जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ सह . प्रोफेसर डॉ योगेश यादव ने बताया कि लगभग 200 तरह के वायरस एवं 20 तरह के बैक्टीरिया जुखाम खांसी के लिए उत्तरदाई है सबसे कॉमन वायरस राइनोवायरस है इसके बाद में एडिनोवायरस कोरोनावायरस स्वाइन फ्लू या इनफ्लुएंजा वायरस पैरा इनफ्लुएंजा वायरस मम्स वायरस मीजेल्स वायरस , रेस्पिरेशन सिनसिटीयल वायरस प्रमुख है
बैक्टीरिया में स्ट्रैप्टॉकोक्कस पायोजेनेस, क्लैमाइडिया माइकोप्लाजमा आदि प्रमुख है इसके अलावा डेंगू एवं स्क्रब टायफस भी शामिल हैं
शुरुआत में खांसी जुकाम जैसी प्रतीत होते हैं
डॉ. योगेश यादव ने भीम प्रज्ञा से खास चर्चा के दौरान बताया कि हर जुखाम को को कोरोना नहीं माने
बैक्टीरियल इनफेक्शन में टॉन्सिल या फेयरिंग्स में मवाद के साथ में बुखार होती है
राइनो एवं एडिनोवायरल इन्फेक्शन में नाक ज्यादा बहती है खांसी एवं बुखार कम होती है ।
इनफ्लुएंजा वायरस (स्वाईन फ्लू ) इनफेक्शन में बुखार खांसी के साथ हाथ पैरों में दर्द एवं थकान ज्यादा होती है और उसके साथ उल्टी दस्त होते हैं इसके साथ सर दर्द भी होता है। कोरोना वायरस इनफेक्शन में सूखी खांसी एवं बुखार के साथ सांस की दिक्कत होती है परंतु नाक ज्यादा नहीं बहती। डॉ. योगेश यादव ने बताया कि दुनिया भर में 90000 से ज्यादाो लोग अब तक इंकफेक्टेड हो चुके हैं कोरोनावायरस से और लगभग 3 से ज्यादा मौतें हुई है। अभी जो कोरोनावायरस बीमारी फैल रही है इसको covid- 19 नाम दिया गया है
चीन के वुहान से दिसंबर 2019 से शुरू होकर पूरे संसार में फैल गई है
कोरोना वायरस एक वायरस है जो जुखाम,SARS(severe acute respiratory syndrome),MARS(middle east respiratory syndrome) निमोनिया के लिए उत्तरदाई है।
इसे यह नाम मुकुट जैसी संरचना जो इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप में दिखती है के लिए दिया गया है।
बीमारी के मुख्य लक्षणों में
बुखार,थकान, खांसी, एवं निमोनिया है
80 परसेंट लोग बिना किसी विशेष इलाज के ठीक हो जाते हैं
करीबन 6 में से 1 को सीरियस निमोनिया ,रीनल फेल्योर के साथ मल्टी मल्टी ऑर्गन फेल्योर हो जाता है।
करीबन 2% से 3%पर्सेंट लोग इस बीमारी से मौत के शिकार होते हैं।
जिन लोगों के हार्ट की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर ,डायबीटीस कमजोर इम्मुनिटी, ओर अधिक उम्र वाले लोगों को खतरा ज्यादा होता है ।
इनफेक्टेढ पर्सन से हमें कम से कम तीन चाहिए दूर रहना चाहिए
यह बीमारी खासी छीक एवं थूक से उत्पन्न ड्रोपलेट से फैलती हैं
एक बार इन्फेक्शन होने के बाद 2 से 14 दिन लगते हैं बीमारी को प्रकट होने में
30 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर यह वायरस निष्क्रिय हो जाता है
ईलाज
साधारणतया बुखार के लिए पेरासिटामोल एवं लक्षण आधारित इलाज इस बीमारी में कारगर है
अभी तक इस बीमारी का कोई वैक्सीन नहीं बना
पर कुछ एंटीवायरल दवाई जैसे
remdesivir
इसमें कार्य करती हैं
वायरस के डायग्नोस्टिक सैंपल की सुविधा एसएमएस अस्पताल में उपलब्ध है
कोरोना वायरस से बचने के लिए क्या करें /क्या न करें
1 सार्वजनिक जगहों पर न थूके
2 साबुन से हाथ धोरे
अपने हाथों से आंखों में नाक व मुंह को बार-बार न छुए
3 अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी लोंग कालीमिर्च अदरक तुलसी आदि का सेवन करें
4किसी से गले मिलने में हाथ मिलाने की जगह नमस्ते करें
5 जगह जहां वायरस के होने की संभावना रहती है जैसे अस्पताल की रेलिंग
इन्हें न छूते
6 बुखार खांसी हो तो
A पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें
B यात्रा से परहेज करें
C खांसते में खींचते समय नाक मुंह को ढक के रखें और
D तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
7 v सांस में तकलीफ वाले व्यक्ति के पास जाने से बचें
8v भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाएं
9 साफ सफाई का ध्यान रखें
10 बिना डॉक्टर की सलाह के दवाई न ले।