कोरोना वायरस को लेकर प्रशासन अलर्ट,
भीम प्रज्ञा न्यूज़ पचेरी।
कोरोना वायरस से डरे नहीं बचाव ही उपचार है। झुंझुनूं जिला प्रशासक ने सतर्कता दिखाते हुए संदिग्ध लोगों को चिन्हित कर उनकी जांच शुरू कर दी है। सिंघाना के चुनाव में वोट डालने विदेश से लौटे लोगों की एयरपोर्ट पर भी विशेष जांच के बाद वे यहां आए हैं। उसके बावजूद भी प्रशासन ने निगरानी में रखते हुए 19 लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। उनके खानपान और आहार व्यवहार पर विशेष निगरानी रखी गई है। चिकित्सकों का कहना है कि किसी भी प्रकार के रोग से संबंधित लक्षण दिखाई नहीं दिए हैं। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से सावधानी बरती जा रही है।
झुंझुनूं जिले के अप्रवासी नागरिक जब अपने वतन को लौटे तो जिन जिन देशों में संक्रमण फैल रहा है वहां से आए हुए कुछ लोगों को कोरोना वायरस की संदिग्धता को ध्यान में देखते हुए प्रशासन ने उन लोगों को चिन्हित कर सिंघानिया विश्वविद्यालय के मेडिकल रिसर्च सेंटर के एक सौ से अधिक बेड के आइसोलेटेड वार्ड में निगरानी हेतु रखा गया है। खेतड़ी बीसीएमओ डॉ हरीश यादव के नेतृत्व में डॉ धीरज को प्रभारी लगाया गया है। बुहाना डीवाईएसपी ज्ञान सिंह, विकास अधिकारी डॉ विनोद वर्मा, सूरजगढ़ तहसीलदार बंशीधर योगी, पचेरी कला एसएचओ गोपाल थालोर आदि ने सिंघाना सहित अन्य जगह के 19 लोगों को आईसीयू वार्ड में निगरानी में रखा गया है। बीसीएमओ डॉ हरीश यादव का कहना है कि कोरोना वायरस संबंधित कोई संक्रमित रोगी नहीं पाया गया है। जयपुर की विशेष टीम द्वारा भी निरीक्षण करवाया जा चुका है। उसके बावजूद भी चिकित्सा विभाग की आगामी आदेश तक निगरानी में रखा गया है।भर्ती किए गए किसी भी व्यक्ति में इस रोग से संबंधित कोई लक्षण दिखाई नहीं दिखाई दिए है। फिर भी सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें सिंघानिया विश्वविद्यालय के मेडिकल रिसर्च सेंटर के संक्रमित रहित गहन चिकित्सा वार्ड में रखा गया है। डब्ल्यूएचओ एवं चिकित्सा विभाग क की गाइडलाइन के मुताबिक 2 सप्ताह के लिए गहन चिकित्सा वार्ड में सुविधा मुहिम कराने के लिए चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है। वार्ड में रह रहे लोगों का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक है। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है परंतु प्रशासन के सहयोग के लिए वे हॉस्पिटल के वार्ड में रहकर सहयोग कर रहे हैं। हालांकि कुछ समय के लिए विदेश से लौटकर अपने वतन में रह रहे परिजनों के साथ कुछ समय के लिए आए थे। इस बात का जरूर मलाल है। जब उन्हें मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली तो वे स्वयं हॉस्पिटल चलकर आए हैं। जांच करने के बाद प्रशासन आश्वस्त होगा तब ही घर जाएंगे।