शादी पोस्टपोंड कर मानवता की इफाजत में कोरोना के खिलाफ जुटे डॉक्टर युगल को सेल्यूट।
भीम प्रज्ञा सर्च न्यूज़@हरेश पंवार।
डॉ महेंद्र सानेल व डॉ रश्मि दशोरा की शादी 29 मार्च को होनी थी। 31 मार्च को रिसेप्शन पार्टी की चल रही थी तैयारियां, घरवालों ने मेहमानों को बाट दिए थे कार्ड, अब दोनों ड्यूटी दे रहे हैं आइसोलेशन वार्ड।
विवाह के पवित्र बंधन के लिए समाज में जिस तरीके से तैयारी की जाती है। दूल्हा दुल्हन एक दूजे से मिलने के लिए आतुर होते हैं। विवाह की शहनाई बजने की धून सुनने के आतुर दूल्हा दुल्हन के माता-पिता उम्मीद के पुल बांधते हैं। भला उसमें खलल पड़ जाए तो मन व्यथित तो होता ही है। लेकिन करोना के कहर के चलते दुनिया के लोग व्यथित हैं। तो भला शादी में मजा नहीं आएगा। लेकिन यह कहानी तो कुछ और रोचकता लिए हुई है कि शादी के दोनों पक्षकार दूल्हा दुल्हन डॉक्टर पद को सुशोभित करते हैं। आज वे दोनों अलग-अलग हॉस्पिटलों के आइसोलेशन वार्ड में मुस्तैदी ढंग से ड्यूटी पर तैनात है। मानवता की इजाजत में जुटे हुए हैं। हम सुरक्षित घर में बैठे हुए हैं तो ऐसे में हमें दोनों डॉक्टर्स के कुशल स्वास्थ्य की मंगल कामना करते हुए। उन्हें सेल्यूट करना ही चाहिए।
दुनिया के मेडिकल रिसर्च लेब एवं हॉस्पिटल में संक्रमित लोगों के इलाज कर रहे डॉक्टर्स अपनी जान को जोखिम में रखते हुए मानवता की इजाजत में जुटे हुए हैं। रोग की गंभीरता और संक्रमित होने की संभावनाओं को देखकर जहां रोगी के परिजनों को दूर रहने की सलाह दी जाती है। वही रोगी के नीडल चुबने के दर्द की आहट से लेकर राहत तक की संवेदनाओं को चिकित्साकर्मी बड़ी सूक्ष्मता से निहारते हुए अपनी ड्यूटी पर कर्तव्यनिष्ठाता का पालन करते हुए देखा जा सकता है। और यही कारण है कि राजस्थान में कोरोना को हराने के लिए यहां के डॉक्टरों को लगातार सफलता मिल रही हैं।
लीजिए आपको एक ऐसी कहानी सुना रहा हूं । जिसे सुनकर आप का ह्रदय डॉक्टर साहब को सलूट करने का मन करेगा। तो दिल खोलकर सलूट कीजिए।
झुंझुनूं जिले के मंडावा क्षेत्र के सीगड़ा गांव की नारू की ढाणी के रहने वाले शिक्षक दंपति तनसुख सानेल व किरण देवी के सुपुत्र डॉ महेंद्र सानेल की पोस्टिंग झुंझुनूं जिला मुख्यालय के संवेदनशील रानीशक्ति आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर लगी हुई हैं। डॉ सानेल का विवाह 29 मार्च को सिंघाना कस्बे के पास कुठानिया गांव की लाडली डॉ रश्मि दशोरा के साथ कृष्णा मैरिज गार्डन सिंघाना में होना तय था। 31 मार्च को होने वाले रिसेप्शन की पूरी तैयारियां भी चल रही थी। मेहमानों को विवाह के कार्ड भी बांट दिए गए थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण के चलते लग्न आने के पहले दिन विवाह को पोस्टपोंड कर दिया गया । डॉ रश्मि भी सीकर के श्री कल्याण हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर तैनात है। डॉ रश्मि की माता राजबाला भी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है पिता बालकिशन दशोरा कारोबारी है।
डॉ युगल जहां विवाह के बाद एक दूसरे सामाजिक जिम्मेवारी के दायित्व से बांधने वाले थे। वही कोरोना वायरस की त्रासदी और मानव सभ्यता को बचाने के लिए मानवता की रक्षा के लिए कोरोना के खिलाफ जंग लड़ते हुए दोनों डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा के दायित्व पर जुटे हुए हैं। भीम प्रज्ञा मीडिया हेल्पलाइन के जरिए डॉक्टर युगल जो विवाह के पवित्र बंधन की तैयारियों को छोड़कर मानवता की इजाजत के लिए जुदा-जुदा संघर्ष कर रहे हैं । आइए कोरोना त्रासदी कोविड-19 युद्ध संग्राम के योद्धाओं को भीम प्रज्ञा मीडिया हेल्पलाइन के जरिए अप्रीसेट करें । सेल्यूट करें।